भारत के
भारत
के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय
सिटीजन
चार्टर
आदर्शोक्ति
आर.एन.आई. की
आदर्शोक्ति ‘हमारी
वचनबद्धता,
बेहतर सेवा’
है, तथा
आर.एन.आई अपने दावा धारकों को सर्वोत्तम उपलब्ध सेवा मुहैया कराने में सतत
प्रयासरत है ।
हमारा लक्ष्य
हमारा लक्ष्य प्रत्येक
समाचारपत्र अथवा कोई अन्य आवधिक प्रकाशित करने वाले प्रकाशक या भावी
प्रकाशक को तत्पर तथा कार्यकुशल सेवा मुहैया कराना है । सेवा मुहैया कराते समय
हमारा उद्देश्य पूर्ण पारदर्शिता के वातावरण में शिष्टाचार तथा विवेक के साथ तत्परता
एवं कुशलता का संयोजन है ।
हमारा दृष्टिकोण
हमारा दृष्टिकोण,
दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आईसीटी के प्रयोग के माध्यम से आर.एन.आई. को
पूर्णतया आधुनिक कार्यालय बनाने का है जहां दावा धारक कार्यालय का दौरा किए बिना
सभी सेवाएं ऑन लाइन प्राप्त कर सकें । हमारा दृष्टिकोण पीआरबी ऐक्ट के ढाँचे के
अंतर्गत दावा धारकों को पूर्ण संतुष्टि के साथ समय पर सेवाएं उपलब्ध कराना है ।
हमारी गतिविधियां
आर.एन.आई. द्वारा निम्न सेवाएं प्रदान
की जाती हैं:
1 शीर्षक सत्यापन
2 समाचारपत्रों का पंजीयन
3 संशोधित/दोहरा प्रमाणपत्र जारी करना
4 समाचारपत्रों तथा आवधिकों के प्रसार
दावों की जांच
5 अखबारी कागज के आयात के लिए पंजीयन
प्रमाणपत्र का अधिप्रमाणन
6 प्रिंटिंग मशीनरी/सामग्री के आयात के
लिए अनिवार्यता प्रमाणपत्र जारी करना
7 एफसीआरए लाभ के लिए “ समाचारपत्र नहीं संबंधी प्रमाणपत्र ” जारी
करना ।
समाचारपत्र शुरू करना
प्रथम चरण: शीर्षक सत्यापन
भावी
आवेदक को उस क्षेत्र के जिला मजिस्ट्रेट के पास अपना आवेदन जमा करना होगा जहाँ से
वह समाचारपत्र का प्रकाशन करना चाहता है जिसमें वह प्रस्तावित शीर्षक अथवा
शीर्षकों सहित प्रस्तावित समाचारपत्र का विवरण देते हुए जिला मजिस्ट्रेट
आर.एन.आई. से शीर्षक सत्यापित करवाने का अनुरोध करेगा । आवेदन का आरूप आर.एन.आई.
की वेबसाइट www.rni.nic.in से
डॉउनलोड कर सकते हैं ।
दूसरा चरण: घोषणापत्र
आर.एन.आई.
से शीर्षक सत्यापन पत्र (यह पत्र आर.एन.आई. की वेबसाइट से भी डॉउनलोड किया जा सकता
है) प्राप्त करने के बाद मुद्रक/प्रकाशक को अधिप्रमाणन के लिए जिला मजिस्ट्रेट
के पास घोषणा पत्र दाखिल करना होगा । घोषणा फार्म-1 में (समाचारपत्रों का पंजीयन
(केन्द्रीय) नियम,1956
की अनुसूची में नियम 3 देखें) की जानी अपेक्षित है । फार्म की
प्रतियॉं जिला मजिस्ट्रेट के पास उपलब्ध हैं तथा इसे आर.एन.आई. की वेबसाइट से भी
डॉउनलोड किया जा सकता है ।
तीसरा चरण: प्रथम अंक
समाचारपत्र का प्रथम अंक जिला मजिस्ट्रेट के पास अधिप्रमाणन के लिए दाखिल किए गए
घोषणापत्र की तारीख से छह सप्ताह के भीतर प्रकाशित करना होगा यदि प्रकाशन साप्ताहिक
या इससे अधिक है । किसी अन्य आवधिकता के मामले में प्रथम अंक का प्रकाशन घोषणा
पत्र के अधिप्रमाणन के तीन महीने के भीतर किया जाना है ।
चौथा चरण: पंजीयन के लिए आवेदन
पंजीयन
के लिए आवेदन आर.एन.आई. की वेबसाइट में उपलब्ध आरूप में किया जाना है जिसके साथ (i) शीर्षक सत्यापन पत्र (ii) अधिप्रमाणित घोषणापत्र (iii) यथा नोटरीकृत 10रू0 के गैर-अदालती स्टाम्प
पेपर पर “
विदेशी गठबंधन नहीं ”
संबंधी शतथपत्र (आर एन आई की वेबसाइट पर नमूना उपलब्ध है) (iv) घोषणापत्र के अधिप्रमाणन के बाद
प्रकाशित प्रथम अंक तथा आवेदन करते समय का नवीनतम अंक (v) निर्धारित फार्म (आर.एन.आई.की वेबसाइट
में उपलब्ध) में विषयवस्तु की जानकारी/पुष्टि (vi)
यदि स्वामी,
प्रकाशक और मुद्रक से भिन्न है तो प्रकाशन के पत्र-शीर्ष पर प्रकाशक/मुद्रक की
नियुक्ति का उल्लेख करते हुए एक प्रमाण पत्र ।
पंजीयन प्रमाणपत्र का गुम होना-
डुप्लिकेट प्रमाणपत्र
जब
मूल पंजीयन प्रमाण पत्र गुम, खराब अथवा चोरी हो जाता है तथा यदि
उपरोक्त कोई भी परिस्थिति विद्यमान नहीं होने पर (प्रकाशक/मुद्रक इत्यादि में
बदलाव के कारण) जहां एक नया घोषणापत्र आवश्यक हो, डुप्लिकेट पंजीयन
प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रेस पंजीयक के पास आवेदन करना होगा । इस संबंध में
पुलिस अधिकारी के स्टाम्प/सील सहित प्राथमिकी अथवा शिकायत पत्र की प्रति जैसा
पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्य अनिवार्य है, जिससे यह साबित हो
कि मामले की रिपोर्ट संबंधित पुलिस प्राधिकारी को कर दी गई है । इस उद्देश्य के
लिए आवश्यक दस्तावेज निम्न हैं :
(क)
नोटरी अथवा संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा यथा अधिप्रमाणित एक शपथ
पत्र उनके हस्ताक्षर तथा कार्यालयी सील सहित
(ख)
संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा अधिप्रमाणित नवीनतम घोषणापत्र की
सत्यापित फोटोकॉपी ।
(ग)
सही इंप्रिंट लाइन वाले प्रकाशन के नवीनतम अंक की एक प्रति ।
(घ)
डी.डी.ओ, आर.एन.आई. के पक्ष में 5रू0 का पोस्टल
आर्डर ।
(ङ)
यथा नोटरीकृत 10रू0 के गैर-अदालती स्टाम्प पेपर पर निर्धारित
आरूप (आर.एन.आई.वेबसाइट पर उपलब्ध ) में “
विदेशी गठबंधन नहीं ”
संबंधी शपथपत्र ।
समापन?
बंद
करने संबंधी घोषणापत्र दाखिल करना
यदि
घोषणा मजिस्ट्रेट द्वारा अधिप्रमाणित किए जाने के बाद, जैसा
कि पहले उल्लेख किया गया है, कोई व्यक्ति समाचारपत्र का मुद्रक
अथवा प्रकाशक नहीं रहता है तो उसे मजिस्ट्रेट (जिला,
प्रेसिडेंसी अथवा उप-मंडल) के समक्ष उपस्थित होना होगा और निम्न विवरण दोहरी
प्रति में देना होगा :
मैं,...................घोषणा
करता हूँ कि मैने................शीर्षक के समाचारपत्र के मुद्रक अथवा प्रकाशक
(अथवा मुद्रक तथा प्रकाशक) का पद छोड़ दिया है ।
प्रसार दावों का सत्यापन
प्रसार
दावों का सत्यापन आर.एन.आई. द्वारा चैनलबद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के माध्यम
से करवाया जाता है । यह जांच केवल उन समाचारपत्रों/आवधिकों के लिए की जाती है जिन्होंने
प्रतिदिन 75,000
प्रतियों से अधिक के प्रसार दावे किए हों । यह स्कीम आर.एन.आई. की वेबसाइट पर
उपलब्ध है ।
अखबारी कागज के आयात के लिए पात्रता
प्रमाणपत्र
भारत
के समाचारपत्रों के पंजीयक के साथ पंजीकृत समाचारपत्र/आवधिक के प्रकाशक/स्वामी को
अखबारी कागज (स्टैंडर्ड/ग्लेजड) के आयात के लिए पात्रता प्रमाणपत्र प्राप्त करने
हेतु निम्न दस्तावेज जमा करने होंगे :-
(क)
प्रकाशक/स्वामी द्वारा आवेदन विधिवत् रूप से भरा तथा हस्ताक्षरित
हो।
(ख)
चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा यथा प्रमाणित तथा नोटरी पब्लिक
द्वारा सत्यापित पिछले वित्तीय वर्ष की वार्षिक विवरणी की फोटोप्रति ।
(ग)
मूल में प्रकाशक/स्वामी द्वारा यथा हस्ताक्षरित तथा चार्टर्ड
अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित पिछले वित्तीय वर्ष के लिए अखबारी कागज के आयात तथा खपत
संबंधी वार्षिक विवरणी।
(घ)
भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय द्वारा जारी
पंजीयन प्रमाणपत्र की दो फोटोप्रतियां ।
(ङ)
प्रकाशन की 12 प्रतियां अर्थात् प्रकाशन के नवीनतम अंक के साथ
पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्रत्येक माह की प्रकाशित प्रति ।
(च)
गत दो वर्षों के दौरान अखबारी कागज की खपत संबंधी शपथपत्र ।
मुद्रण मशीनरी के
आयात के लिए अनिवार्यता प्रमाणपत्र
(क)
विधिवत् रूप से भरा आवेदन पत्र (नमूना आर.एन.आई. की वेबसाइट
(ख)
मूल में आपूर्तिकर्त्ता द्वारा सील के साथ यथा हस्ताक्षरित
अथवा
राजपत्रित
अधिकारी/नोटरी द्वारा यथा सत्यापित मशीनरी तथा मूल्य के
विवरण दर्शाने वाले बीजक ।
(ग)
मशीनरी या उपस्कर के आयात संबंधी औचित्य।
(घ)
प्रत्येक प्रकाशन की एक प्रति जहां मशीनरी या उपस्कर स्थापित किया
जाना
है ।
(ड)
मूल में आपूर्तिकर्त्ता द्वारा जारी संस्थापन प्रमाणपत्र यदि
उसे भारत के
समाचारपत्रों के
पंजीयक का कार्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार
पर आयात किया गया हो
।
‘समाचारपत्र
नहीं’
संबंधी प्रमाणपत्र
भारत
के समाचारपत्रों के पंजीयक द्वारा पंजीकृत प्रकाशन के
प्रकाशक/स्वामी को गृह मंत्रालय के साथ एफ सी आर ए पंजीकरण के लिए
“समाचारपत्र नहीं” संबंधी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के
लिए निम्न दस्तावेज जमा करवाने होंगे :-
(क)
प्रकाशक/स्वामी द्वारा हस्ताक्षरित तथा विधिवत् रूप से भरा
आवेदन प्रपत्र (नमूना आर.एन.आई. की वेबसाइट www.rni.nic.in पर उपलब्ध है) ।
(ख)
प्रकाशन की विषय वस्तु से संबंधित शपथपत्र जो प्रकाशक/स्वामी
द्वारा विधिवत् रूप से हस्ताक्षरित तथा संबंधित प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा
प्रमाणित हो ।
(ग)
गृह-मंत्रालय द्वारा जारी उस पत्र की फोटोप्रति जिसमें भाषा,
आवधिकता तथा प्रकाशन स्थल के साथ प्रकाशन का नाम समाविष्ट हो तथा उसमें यह भी
उल्लेख हो कि प्रेस एवं पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1867
की धारा 1(1) के अंतर्गत भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय से
प्रमाणपत्र प्राप्त किया जाए ।
(घ)
प्रकाशन के चार नवीनतम अंक ।
वार्षिक
रिपोर्ट- प्रेस इन इंडिया
पी
आर बी ऐक्ट की धारा 19 जी के अंतर्गत आर.एन.आई. एक रिपोर्ट तैयार कर उसे सूचना और
प्रसारण मंत्रालय,
भारत सरकार को जमा करे। “
प्रेस इन इंडिया ”
नामक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर तक जमा की जाए । रिपोर्ट पी आर बी ऐक्ट
की धारा 19 ई के अंतर्गत प्रकाशकों द्वारा जमा करवाई गई वार्षिक विवरणियों के आधार
पर तैयार की जाती है । यह रिपोर्ट देश में राज्य-वार,भाषा-वार
तथा आवधिकता-वार प्रिंट मीडिया की स्थिति को दर्शाती है । रिपोर्ट में स्वामित्व
पैटर्न भी दर्शाया जाता है ।
शिकायत निवारण तंत्र
आर.एन.आई.
कार्यालय के शिकायत अधिकारी का पता है:
श्री नरेन्द्र कौशल
उप प्रेस पंजीयक
आर.एन.आई कार्यालय, पश्चिमी
खंड-8,
स्कंध-2,
रामकृष्णपुरम,
नई दिल्ली-110066
दूरभाष: 011-26106251
यदि
कोई व्यक्ति आर.एन.आई. कार्यालय की किसी सेवा से संतुष्ट नहीं है या कार्यालय की
किसी कार्रवाई या चूक से दु:खी है तो वह अपनी शिकायतों का निवारण शिकायत अधिकारी
के माध्यम से पा सकता/सकती है । ऐसा प्रत्येक व्यक्ति शिकायत अधिकारी द्वारा
प्राप्त शिकायत के 30 दिनों के भीतर उसकी शिकायत पर की गई कार्रवाई के बारे में
सूचना पाने का/की हकदार है ।
यदि
जन साधारण/प्रकाशक अपनी शिकायतों के संबंध में शिकायत अधिकारी से मिलना चाहते हैं
तो वे इस कार्यालय में प्रत्येक बुधवार (कार्य दिवस) को अपराह्न 03.00 बजे से
05.00 बजे के बीच बिना कोई पूर्व नियुक्ति समय लिए मिल सकते हैं ।
अपनी
शिकायतों के संबंध में वे प्रेस पंजीयक से भी मिल सकते हैं ।
यदि
शिकायतकर्ता आर.एन.आई. के शिकायत अधिकारी/प्रेस पंजीयक के जवाब से संतुष्ट नहीं
है तो वह इस मामले को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के शिकायत अधिकारी,जिनका
विवरण नीचे दिया गया है,को
भेज सकता/सकती है ।
श्री वी.बी.प्यारेलाल,
संयुक्त सचिव (नीति
एवं लोक शिकायत)
सूचना और प्रसारण
मंत्रालय,
शास्त्री भवन, नई
दिल्ली,
पिन कोड 110001
यदि
कोई व्यक्ति आर.एन.आई. द्वारा मुहैया कराई गई सेवाओं की बेहतरी के लिए कोई सुझाव
देना चाहे तो वह उपरोक्त पते पर शिकायत अधिकारी को भेज सकता/सकती है या स्वागत
कक्ष में रखी सुझाव पेटी में डाल सकता/सकती है या (1) prrni@nic.in (2)
dprrni@nic.in
पर ई-मेल कर सकता/सकती है ।
इलैक्ट्रॉनिक रूप
में उपलब्ध सूचना
आर.एन.आई
की वेबसाइट में शीर्षक सत्यापन, पंजीयन इत्यादि संबंधी मूल जानकारी
दी गई है । प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताएं तथा प्रपत्र भी उपलब्ध
हैं । भावी प्रकाशक
वेबसाइट के माध्यम से प्रस्तावित समाचारपत्र के नाम (शीर्षक) की उपलब्धता की
जॉंच कर सकते हैं । शीर्षक सत्यापन हेतु आवेदन जमा करने के उपरान्त वह इस साइट
से अपने आवेदन की स्थिति-जॉच कर सकता/सकती है। इस साइट पर पंजीकृत शीर्षक भी
दर्शाए गए हैं ।
सूचना प्राप्त करने
हेतु नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधा
वेबसाइट : www.rni.nic.in
निम्न सूचना उपलब्ध है:
(क)
सत्यापित शीर्षकों की सूची
(ख)
पंजीकृत समाचारपत्रों की सूची
(ग)
प्रेस इन इंडिया की विशेषताएं
(घ)
पी आर बी ऐक्ट, 1867
(ङ)
केन्द्रीय नियम
(च)
फॉर्म/प्रपत्र
(छ)
शीर्षक सत्यापन हेतु आवेदन की स्थिति
(ज)
प्रकाशकों को दिशा-निर्देश
(झ)
विज्ञप्तियां
(ञ)
वार्षिक विवरणी जमा करने हेतु पता सूची
(ट)
सिटीजन चार्टर
(ठ)
प्रकाशक के कर्त्तव्य
(ड)
शिकायत निवारण
(ढ)
पंजीयन हेतु जांच सूची
(ण)
शीर्षक/पंजीयन संबंधी विसंगति पत्र
(त)
डी-ब्लॉक किए गए शीर्षकों की सूची
(थ)
प्रसार जांच के लिए योजना
(द)
आर टी आई ऐक्ट,2005
बार-बार पूछे जाने
वाले प्रश्न (एफ ए क्यू ) तथा उनके उत्तर
आर एन आई में किन
प्रकाशनों को पंजीकृत करवाया जाना आवश्यक है?
पी
आर बी ऐक्ट,1867
के नियम 5 के अनुसार भारत में प्रकाशित किसी भी समाचार पत्र का प्रकाशन अधिनियम
में दिए गए नियमों के इतर नहीं किया जाएगा । एक समाचारपत्र से अभिप्राय है- “कोई भी मुद्रित आवधिक कार्य जिसमें जन
समाचार या जन समाचारों पर टिप्पणी समाविष्ट हो । ” अत:
समाचार पत्र की इस श्रेणी में आने वाला कोई भी प्रकाशन आर.एन.आई. में पंजीकृत
करवाया जाना आवश्यक है
।
समाचारपत्र कैसे शुरू
करें ?
समाचार पत्र शुरू करने के पहले चरण में आर.एन.आई. से शीर्षक (प्रस्तावित
समाचारपत्र का नाम) सत्यापित करवाया जाना अपेक्षित है । इसके लिए प्रकाशक शीर्षक
सत्यापन के लिए आवेदन ( आरूप आर.एन.आई. की वेबसाइट पर उपलब्ध ) करेगा जिसमें
प्रस्तावित समाचारपत्र का नाम, भाषा, आवधिकता, स्वामी
का नाम तथा प्रकाशन स्थल दिए गए हों एवं इस आवेदन को संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के
पास जमा करेगा । जिला मजिस्ट्रेट आवेदक की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के
उपरान्त आवेदन आर.एन.आई. को प्रेषित करेगा जो शीर्षक की उपलब्धता की जांच करता
है । आर.एन.आई.शीर्षक सत्यापन/शीर्षक अस्वीकृति पत्र के द्वारा जिला मजिस्ट्रेट
तथा प्रकाशक को शीर्षक
की उपलब्धता/अनुपलब्धता के बारे में सूचित
करेगा
। शीर्षक आवेदन पर निर्णय आर.एन.आई. में शीर्षक आवेदन प्राप्ति के 15 दिनों के
भीतर लिया जाता है । तदोपरान्त, प्रकाशक जिला मजिस्ट्रेट के पास
निर्धारित आरूप (www.rni.nic.in
पर उपलब्ध) में घोषणापत्र दाखिल करेगा और फिर प्रकाशन शुरू कर सकता है । यदि
समाचारपत्र दैनिक या साप्ताहिक है तो घोषणा के प्रमाणीकरण के 42 दिनों के भीतर
समाचारपत्र का प्रथम अंक मुद्रित किया जाना चाहिए तथा अन्य आवधिकों के
मामले में 90 दिनों के भीतर । आर.एन.आई. को पंजीयन के लिए आवेदन (www.rni.nic.in पर
उपलब्ध आरूप ) घोषणापत्र की अनुप्रमाणित प्रति, शीर्षक सत्यापन की
प्रति,
समाचारपत्र के प्रथम अंक और नोटरी द्वारा विधिवत् रूप से अनुप्रमाणित ‘विदेशी गठबंधन नहीं ’ संबंधी शपथपत्र के साथ जमा किया जा
सकता है । समाचारपत्र में अंक संख्या, वर्ष संख्या तथा
शीर्षक आवरण पृष्ठ एवं सभी पृष्ठों पर स्पष्ट अक्षरों में प्रदर्शित होना
चाहिए । शीर्षक आर.एन.आई.द्वारा अनुमोदन किए अनुसार ही मुद्रित किया जाना चाहिए,
डेट लाइन तथा पृष्ठ संख्या सभी पृष्ठों पर हो, इंप्रिट लाइन में
मुद्रक का नाम, प्रकाशक,
स्वामी तथा संपादक,
प्रकाशन स्थल का पूरा पता एवं मुद्रण प्रेस का नाम व पता दर्शाया गया हो । शीर्षक
सत्यापन के उपरान्त पंजीयन हेतु घोषणापत्र दाखिल करने के बाद निकाला गया अंक, अंक-1
वर्ष-1 होगा
। प्रत्येक वर्ष पूरा होने पर वर्ष बदल जाएगा । यदि मुद्रक और प्रकाशक भिन्न व्यक्ति
हैं तो जिला मजिस्ट्रेट के पास अलग-अलग घोषणापत्र दाखिल किया जाना आवश्यक है ।
यदि स्वामी एवं प्रकाशक भिन्न हैं तो स्वामी द्वारा संबंधित व्यक्ति को
प्रकाशक प्राधिकृत करते हुए समाचारपत्र के पत्र शीर्ष पर एक प्रमाणपत्र देना आवश्यक
है । पंजीयन हेतु सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन की आर.एन.आई. में प्राप्ति के 30
दिनों के भीतर निर्णय लिया जाता है तथा प्रकाशक को पंजीयन प्रमाणपत्र जारी किया
जाता है ।
पंजीयन उपरान्त क्या-क्या
औपचारिकताएं आवश्यक हैं?
जब भी समाचारपत्र प्रकाशित किया जाता है उसकी
एक प्रति आर.एन.आई. को भेजी जानी चाहिए । फरवरी माह के अन्तिम दिन के बाद के अंक
में विधिवत् रूप से भरा हुआ प्रपत्र संख्या-IV
होना
चाहिए (समाचारपत्र के स्वामित्व तथा अन्य विवरण संबंधी विवरणी। आर.एन.आई. की
वेबसाइट पर नमूना उपलब्ध है) । प्रपत्र-II
(www.rni.nic.in पर
उपलब्ध आरूप ) में वार्षिक विवरणी (वित्तीय वर्ष के आधार पर 01 अप्रैल से 31
मार्च तक) जमा करना भी आवश्यक है । वार्षिक विवरणी आर.एन.आई. में प्रत्येक वर्ष
01 अप्रैल से 30 मई के दौरान जमा की जानी चाहिए । दैनिक समाचारपत्रों के मामले में
एक अतिरिक्त प्रपत्र एआर-4 (संलग्नक-X)
भी जमा किया जाए ।
नया घोषणापत्र कब
दाखिल करें?
जब
भी प्रकाशक,
मुद्रक, स्वामी,
आवधिकता एवं मुद्रण प्रेस में कोई परिवर्तन हो तो प्रकाशक/मुद्रक संबंधित जिला
मजिस्ट्रेट के पास एक नया घोषणापत्र दाखिल करेगा तथा उसे परिवर्तन समाविष्ट करने
एवं संशोधित पंजीयन प्रमाणपत्र जारी करने हेतु आर.एन.आई. को भेजना होगा । तथापि, यदि
संपादक अथवा समाचारपत्र का मूल्य बदल गया है तो नया घोषणापत्र दाखिल करने की
जरूरत नहीं है । केवल आर.एन.आई.
को सूचित
करना
होगा
।