प्रस्तुति- स्वामी शरण
आर॰के॰ लक्ष्मण | |
---|---|
जन्म | रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण 24 अक्टूबर 1921 मैसूर, ब्रितानी भारत (कर्नाटक, भारत) |
मृत्यु | 26 जनवरी 2015 (उम्र 93) पुणे, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा प्राप्त की | Maharaja's College, Mysore[*] |
व्यवसाय | कार्टूनकार, व्यंग्य-चित्रकार |
प्रसिद्धि कारण | कॉमन मैन कार्टून |
जीवनसाथी |
|
संबंधी | आर के नारायण (भाई) |
पुरस्कार | पद्म भूषण, पद्म विभूषण, रेमन मैगसेसे पुरस्कार |
हस्ताक्षर | |
![]() |
लक्ष्मण ने अपना कार्य स्थानीय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अंशकालिक कार्टूनकार के रूप में अपना कैरियर आरम्भ किया था। जबकि कॉलेज छात्र के रूप में उन्होंने अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण की कहानियों को द हिन्दू में चित्रित किया। उनका पहला पूर्णकालिक कार्य मुम्बई में द फ्री प्रेस जर्नल में राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में आरम्भ किया था। उसके बाद उन्होंने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में कार्य करना आरम्भ कर दिया और कॉमन मैन के चरित्र ने उन्हें प्रसिद्धि दी।
अनुक्रम
जन्म और बाल्यावस्था
आर॰के॰ लक्ष्मण का जन्म मैसूर में सन् १९२१ में हुआ।[4] उनके पिता प्रधानाचार्य थे और लक्ष्मण उनकी छः सन्तानों में सबसे छोटे थे।[5][6] उनके एक बड़े भाई आर॰के॰ लक्ष्मण उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध हुये। लक्ष्मण पाइड पाइपर ऑफ़ डेल्ही (दिल्ली का चितकबरा मुरलीवाला) से प्रसिद्ध हुये।[7]उन्हें प्रसिद्धि मिलने से पूर्व ही द स्ट्रैंड, पंच, बायस्टैंडर, वाइड वर्ल्ड और टिट-बिट्स जैसी पत्रिकाओं में चित्रकारी का कार्य कर चुके थे।[8] शीघ्र ही उन्होंने अपने उपर, फूलों पर, अपने घर की दिवारों पर और विद्यालय में अपने अध्यापकों का विरूप-चित्रण आरम्भ कर दिया; उनकी पीपल का पता चित्रित करने की एक अध्यापक ने प्रशंसा की और उन्हें एक कलाकार नजर आने लगा।[9] इसके अलावा उनपर एक शुरुआती प्रभाव विश्व-प्रसिद्ध ब्रितानी कार्टूनकार डेविड लो का पड़ा।[10]
व्यवसाय
आरम्भ में
लक्ष्मण का प्रारम्भिक कार्य स्वराज्य और ब्लिट्ज़ नामक पत्रिकाओं सहित समाचार पत्रों में रहा। उन्होंने मैसूर महाराजा महाविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अपने बड़े भाई आर॰के॰ नारायण कि कहानियों को द हिन्दू में चित्रित करना आरम्भ कर दिया तथा स्थानीय तथा स्वतंत्र के लिए राजनीतिक कार्टून लिखना आरम्भ कर दिया। लक्ष्मण कन्नड़ हास्य पत्रिका कोरवंजी में भी कार्टून लिखने का कार्य किया। यह पत्रिका १९४२ में डॉ॰ एम॰ शिवरम स्थापित की थी, इस पत्रिका के संस्थापक एलोपैथिक चिकित्सक थे तथा बैंगलोर के राजसी क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने यह मासिक पत्रिका विनोदी, व्यंग्य लेख और कार्टून के लिए यह समर्पित की। शिवरम अपने आप में प्रख्यात कन्नड हास्य रस लेखक थे। उन्होंने लक्ष्मण को भी प्रोत्साहित किया।लक्ष्मण ने मद्रास के जैमिनी स्टूडियोज में ग्रीष्मकालीन रोजगार आरम्भ कर दिया। उनका प्रथम पूर्णकालिक व्यवसाय मुम्बई की द फ्री प्रेस जर्नल के राजनीतिक कार्टूनकार के रूप में की थी। इस पत्रिका में बाल ठाकरे उनके साथी काटूनकार थे। लक्ष्मण ने द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, बॉम्बे से जुड़ गये तथा उसमें लगभग पचास वर्षों तक कार्य किया। उनका "कॉमन मैन" चरित्र प्रजातंत्र के साक्षी के रूप में चित्रित हुआ।[11][12]
व्यक्तिगत जीवन
कार्टूनकार शेखर गुरेरा द्वारा आर॰के॰ लक्ष्मण को एक श्रद्धांजली
सितम्बर २००३ में, उनके बायें भाग को लकवा मार गय। उन्होंने आंशिक रूप से इसके प्रभावों से मुक्ति प्राप्त कर लिया। २० जून २०१० की शाम को लक्ष्मण को मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ति करवाया गया और बाद में पुणे स्थानान्तरित किया गया।[14]
अक्टूबर २०१२ में लक्ष्मण ने पुणे में अपना ९१वाँ जन्मदिन मनाया। शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे, वैज्ञानिक जयन्त नार्लीकर तथा सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के कुलपति एस॰बी॰ मजुमदार ने भी इसमें भाग लिया।[15]
सम्मान एवं पुरस्कार
- बी डी गोयनका पुरस्कार - दि इन्डियन एक्सप्रेस द्वारा।
- दुर्गा रतन स्वर्ण पदक - हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा।
- पद्म विभूषण - भारत सरकार
- पद्म भूषण - भारत सरकार
- रमन मैग्सेसे पुरस्कार (१९८४)
कृतियाँ
- दि एलोक्वोयेन्ट ब्रश
- द बेस्ट ऑफ लक्षमण सीरीज
- होटल रिवीयेरा
- द मेसेंजर
- सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया
- द टनल ऑफ टाईम (आत्मकथा)
मल्टी-मीडिया
- इंडिया थ्रू थे आईज ऑफ़ आर. के. लक्ष्मण-देन टू नाउ (सीडी रोम)
- लक्ष्मण रेखास-टाइम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशन
- आर. के. लक्ष्मण की दुनिया- सब टीवी पर एक शो
सन्दर्भ
टिप्पणी
- टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क (२५ अक्टूबर २०१२). "R K Laxman gets double treat on 91st birthday [आर के लक्ष्मण ने ९१वें जन्मदिन पर दोहरा उपचार प्राप्त किया]" (अंग्रेज़ी में). द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (पुणे: द टाइम्स ग्रूप). अभिगमन तिथि: ५ फ़रवरी २०१५.
सन्दर्भ पुस्तकें
- Laxman, R. K. (१९९८). The tunnel of time. भारत: पेंगुइन बूक्स.
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें