लक्ष्मी सिंह
ग्लैमर की चकाचौंध, म्यूजिक चैनलों की दिन-ब-दिन बढ़ती तादाद, बेशुमार पैसा और कुछ अलग करने की चाह में कई युवा ‘वीडियो जॉकी’ को एक नए कैरियर के रुप में अपना रहे हैं।
वीडियो जॉकी जहां एक ओर कैमरे के सामने म्यूजिक वीडियो, उससे जुड़ी हस्तियों और दर्शकों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है, वहीं कैमरे के पीछे कार्यक्रम का विषय और उस विषय से मेल खाते फिल्मों के नए-पुराने गानों का चुनाव और कार्यक्रम की पटकथा लिखने जैसे कई काम उसके जिम्मे होते हैं।
वीडियो जॉकी को संगीत के क्षेत्र में होने वाले नए-नए बदलावों पर नजर रखनी पड़ती है। उससे उम्मीद की जाती है कि उसे गीत-संगीत से जुड़ी हस्तियों के बारे में पूरी जानकारी हो। आमतौर पर वीडियो जॉकी टेलीफोन, ई-मेल और फैक्स के जरिए दर्शकों से बातचीत करते हैं।
जॉकिंग को साधारणत: तीन क्षेत्रों से जोड़ा जाता है, वीडियो जॉकी यानी वीजे, रेडियो जॉकी यानी आरजे और डिस्को जॉकी यानी डीजे। यह सभी संगीत से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि वीजे टीवी पर, आरजे रेडियो पर और डीजे क्लब, रेस्तरां और म्यूजिक स्टोर आदि में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
रोजगार के अवसर और कैरियर के विकल्प:
आमतौर पर वीडियो जॉकी म्यूजिक चैनलों, म्यूजिक शो और फिल्मों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रस्तुतकर्ता के तौर पर जुड़े होते हैं।
जाने-माने म्यूजिक चैनलों के अलावा प्रादेशिक चैनलों पर प्रसारित होने वाले संगीत-कार्यक्रमों में भी वीडियो जॉकी के लिए काफी अवसर हैं।
साधारणत: कई चैनल, वीडियो जॉकी के साथ निश्चित अवधि के लिए अनुबंध करते हैं और इसी आधार पर उनका वेतन तय किया जाता है।
किसी भी कार्यक्रम या चैनल में वीडियो जॉकी का चुनाव लिखित परीक्षा, आवाज की जांच और कैमरे के सामने उसके आत्मविश्वास आदि गुणों के आधार पर किया जाता है।
योग्यता:
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। कुछ खास गुणों के साथ जनसंचार माध्यम और दृश्य-श्रव्य माध्यम की बुनियादी जानकारी होना पर्याप्त है।
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक व्यक्ति की संगीत में रुचि, सबसे ज्यादा जरूरी है, साथ ही उसे गीत-संगीत की दुनिया में नई घटनाओं की जानकारी भी होनी चाहिए।
प्रभावी व्यक्तित्व, सही लिबास चुनने की क्षमता, अच्छी आवाज और संचार के माध्यम से मेल खाती भाषा पर पकड़, यह कुछ ऐसे गुण हैं, जो हर वीडियो जॉकी में होने चाहिए।
एक वीडियो जॉकी का मुख्य काम है बोलना। इसलिए उसके शब्दों का उच्चारण बिल्कुल स्पष्ट, सटीक और प्रभावी होना चाहिए। उसके वाक्यों का उतार-चढ़ाव अपनी ओर खींचने वाला हो। कुछ खास तरह के प्रशिक्षण भी भाषा और आवाज को सुधारने में मददगार साबित हो सकते हैं।
वीडियो जॉकी की आवाज मधुर होने के साथ-साथ साफ और दमदार भी होनी चाहिए ताकि वह लोगों के बीच लोकप्रिय हो सके। उत्साही और मजाकिया होने के साथ-साथ उसमें तुरंत श्रोताओं और दर्शकों के सवालों का जवाब देने की क्षमता होनी चाहिए।
उसे देश दुनिया में हर रोज होने वाली गतिविधियों और ताजातरीन घटनाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए अर्थात सामान्य ज्ञान पर भी उसकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
वेतन और पारिश्रमिक:
आए दिन खुलते म्यूजिक चैनलों को देखते हुए इस क्षेत्र में रोजगार के काफी मौके हैं। संगीत पर आधारित किसी भी कार्यक्रम की लोकप्रियता पूरी तरह उस कार्यक्रम के वीडियो जॉकी की क्षमता पर ही निर्भर करती है।
हालांकि इस क्षेत्र में कैरियर थोड़े समय का ही होता है, लेकिन एक सफल वीडियो जॉकी हर महीने 10 हजार से 25 हजार रूपए आसानी से कमा सकता है, साथ ही उसका वेतन, जिस म्यूजिक चैनल से वह जुड़ा है और जो कार्यक्रम वह प्रस्तुत कर रहा है, उसकी लोकप्रियता के स्तर से भी तय होता है।
इस क्षेत्र से जुड़ा ग्लैमर और इससे मिलने वाली लोकप्रियता युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। संबंधित पाठ्यक्रम और संस्थान महानगरों में ऐसे कई संस्थान हैं, जहां वीडियो जॉकी का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन संस्थानों में इन क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियां संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन करती हैं।
दिल्ली में संचालित किए जाने वाले अल्पावधि पाठ्यक्रम:
कुछ प्रमुख संस्थानों के पते:
ग्लैमर की चकाचौंध, म्यूजिक चैनलों की दिन-ब-दिन बढ़ती तादाद, बेशुमार पैसा और कुछ अलग करने की चाह में कई युवा ‘वीडियो जॉकी’ को एक नए कैरियर के रुप में अपना रहे हैं।
वीडियो जॉकी जहां एक ओर कैमरे के सामने म्यूजिक वीडियो, उससे जुड़ी हस्तियों और दर्शकों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है, वहीं कैमरे के पीछे कार्यक्रम का विषय और उस विषय से मेल खाते फिल्मों के नए-पुराने गानों का चुनाव और कार्यक्रम की पटकथा लिखने जैसे कई काम उसके जिम्मे होते हैं।
वीडियो जॉकी को संगीत के क्षेत्र में होने वाले नए-नए बदलावों पर नजर रखनी पड़ती है। उससे उम्मीद की जाती है कि उसे गीत-संगीत से जुड़ी हस्तियों के बारे में पूरी जानकारी हो। आमतौर पर वीडियो जॉकी टेलीफोन, ई-मेल और फैक्स के जरिए दर्शकों से बातचीत करते हैं।
जॉकिंग को साधारणत: तीन क्षेत्रों से जोड़ा जाता है, वीडियो जॉकी यानी वीजे, रेडियो जॉकी यानी आरजे और डिस्को जॉकी यानी डीजे। यह सभी संगीत से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि वीजे टीवी पर, आरजे रेडियो पर और डीजे क्लब, रेस्तरां और म्यूजिक स्टोर आदि में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
रोजगार के अवसर और कैरियर के विकल्प:
आमतौर पर वीडियो जॉकी म्यूजिक चैनलों, म्यूजिक शो और फिल्मों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रस्तुतकर्ता के तौर पर जुड़े होते हैं।
जाने-माने म्यूजिक चैनलों के अलावा प्रादेशिक चैनलों पर प्रसारित होने वाले संगीत-कार्यक्रमों में भी वीडियो जॉकी के लिए काफी अवसर हैं।
साधारणत: कई चैनल, वीडियो जॉकी के साथ निश्चित अवधि के लिए अनुबंध करते हैं और इसी आधार पर उनका वेतन तय किया जाता है।
किसी भी कार्यक्रम या चैनल में वीडियो जॉकी का चुनाव लिखित परीक्षा, आवाज की जांच और कैमरे के सामने उसके आत्मविश्वास आदि गुणों के आधार पर किया जाता है।
योग्यता:
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। कुछ खास गुणों के साथ जनसंचार माध्यम और दृश्य-श्रव्य माध्यम की बुनियादी जानकारी होना पर्याप्त है।
इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक व्यक्ति की संगीत में रुचि, सबसे ज्यादा जरूरी है, साथ ही उसे गीत-संगीत की दुनिया में नई घटनाओं की जानकारी भी होनी चाहिए।
प्रभावी व्यक्तित्व, सही लिबास चुनने की क्षमता, अच्छी आवाज और संचार के माध्यम से मेल खाती भाषा पर पकड़, यह कुछ ऐसे गुण हैं, जो हर वीडियो जॉकी में होने चाहिए।
एक वीडियो जॉकी का मुख्य काम है बोलना। इसलिए उसके शब्दों का उच्चारण बिल्कुल स्पष्ट, सटीक और प्रभावी होना चाहिए। उसके वाक्यों का उतार-चढ़ाव अपनी ओर खींचने वाला हो। कुछ खास तरह के प्रशिक्षण भी भाषा और आवाज को सुधारने में मददगार साबित हो सकते हैं।
वीडियो जॉकी की आवाज मधुर होने के साथ-साथ साफ और दमदार भी होनी चाहिए ताकि वह लोगों के बीच लोकप्रिय हो सके। उत्साही और मजाकिया होने के साथ-साथ उसमें तुरंत श्रोताओं और दर्शकों के सवालों का जवाब देने की क्षमता होनी चाहिए।
उसे देश दुनिया में हर रोज होने वाली गतिविधियों और ताजातरीन घटनाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए अर्थात सामान्य ज्ञान पर भी उसकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
वेतन और पारिश्रमिक:
आए दिन खुलते म्यूजिक चैनलों को देखते हुए इस क्षेत्र में रोजगार के काफी मौके हैं। संगीत पर आधारित किसी भी कार्यक्रम की लोकप्रियता पूरी तरह उस कार्यक्रम के वीडियो जॉकी की क्षमता पर ही निर्भर करती है।
हालांकि इस क्षेत्र में कैरियर थोड़े समय का ही होता है, लेकिन एक सफल वीडियो जॉकी हर महीने 10 हजार से 25 हजार रूपए आसानी से कमा सकता है, साथ ही उसका वेतन, जिस म्यूजिक चैनल से वह जुड़ा है और जो कार्यक्रम वह प्रस्तुत कर रहा है, उसकी लोकप्रियता के स्तर से भी तय होता है।
इस क्षेत्र से जुड़ा ग्लैमर और इससे मिलने वाली लोकप्रियता युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। संबंधित पाठ्यक्रम और संस्थान महानगरों में ऐसे कई संस्थान हैं, जहां वीडियो जॉकी का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन संस्थानों में इन क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियां संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन करती हैं।
- अभिनय और कैमरे से संबंधित पाठ्यक्रम।
- टीवी रिपोर्टिंग, प्रस्तुति और उसके निर्माण से संबंधित पाठ्यक्रम।
- बीए पत्रकारिता।
- बीएस संचार।
- संचार और मीडिया क्षेत्र में विस्तार का डिप्लोमा।
- एमए जनसंचार।
- एमए जनसंचार और पत्रकारिता।
- जनसंचार और पत्रकारिता में स्नात्तकोतर डिप्लोमा।
- जनसंचार में स्नात्तकोतर कार्यक्रम।
दिल्ली में संचालित किए जाने वाले अल्पावधि पाठ्यक्रम:
- द स्टूडियो बॉकर्स, कैलाश कॉलोनी, दिल्ली
- साउंड ऑफ म्यूजिक, वसंत कुंज, दिल्ली
कुछ प्रमुख संस्थानों के पते:
- जहांगीराबाद मीडिया इंस्टीट्यूट, बाराबंकी, (उत्तर प्रदेश)
जहांगीराबाद मीडिया इंस्टीट्यूट, जहांगीराबाद किला, बाराबंकी, उत्तरप्रदेश-225203
फोन: 05248-243352
http://www.jmimedia.org - नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज, अहमदाबाद, (गुजरात)
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज, अपर लेवल, पंचधारा कॉम्पलेक्स
जीएनएफसी टॉवर, सीजी हाईवे, अहमदाबाद- 380 054
फोन: 079-26855701/26855702
http://www.nifms.com - एनईएफ कॉलेज, गुवाहाटी (असम)
जीएस रोड, बोरा सर्विस के पास, ऊलबारी, गुवाहाटी- 781 007
फोन: 0361-2523372, 2452424, 2458575, 2458576, 2269076
http://www.nefcollege.org - एनआईसीसी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव कम्युनिकेशन) बैंगलुरु, (कर्नाटक)
30-31, हेनर गार्डन्स, कल्याण नगर पोस्ट ऑफिस, बंगलूर
फोन: 080-55337001/02/03/04
http://www.niccindia.org - सिडलिंग एकेडमी ऑफ डिजाइन, टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, जयपुर (राजस्थान)
खोरबियां, जगतपुर, जयपुर
http://www.seedlingeducation.com/sadtm/course.jsp?iid=71&cid=93 - विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फिल्म
टेलीविजन एंड मीडिया आर्ट्स, मुम्बई (महाराष्ट्र)
विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर फिल्म, टेलीविजन एंड मीडिया आर्ट्स
फिल्म सिटी, गोरेगांव, मुम्बई- 400 050
http://www.whistlingwoods.net/2years.asp - एकेडमी 18, स्टूडियो 18, कालकाजी, (दिल्ली)
एकेडमी 18, स्टूडियो 18, इंडिया (प्रा.) लिमिटेड
8 बालाजी इस्टेट, गुरू देवी दास मार्ग,
कालकाजी, नई दिल्ली-110019
फोन: 6225901-06 - अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़, (उत्तर प्रदेश)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़- 202 002 - एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, (दिल्ली)
एमिटी कैंपस, सेक्टर 44, नोयडा- 201 303 - एमिटी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन, साकेत, (दिल्ली)
एमिटी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन
साकेत, नई दिल्ली आरबीईएफ ऑफिस: ए. के. सी. हाउस, ई-27, डिफेंस कालोनी, नई दिल्ली- 110024 - आंध्र यूनिवर्सिटी वॉल्टेयर (आंध्र प्रदेश)
आंध्र यूनिवर्सिटी, वॉल्टेयर
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